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कारक

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं। हिन्दी में आठ कारक होते है...

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विस्मयादिबोधक

* विस्मयादिबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है। * व्याकरण में विस्मयादिबोधक एक अविकारी शब्द है। * जो अविकारी शब्द हर्ष, शोक, ...

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समुच्यबोधक

* समुच्यबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है। * व्याकरण में समुच्यबोधक एक अविकारी शब्द है। * जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक...

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सम्बन्धबोधक

* सम्बन्धबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है। * व्याकरण में सम्बन्धबोधक एक अविकारी शब्द है। * जो अविकारी शब्द संज्ञा या सर्वन...

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क्रियाविशेषण

जिन अविकारी शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं। * क्रियाविशेषण सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद...

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क्रिया

जिस शब्द अथवा शब्द-समूह के द्वारा किसी कार्य के होने अथवा किये जाने का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं। जैसे- सीता 'नाच रही है'। बच...

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विशेषण

संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द ‘विशेषण’ कहलाते हैं। जैसे - बड़ा, काला, लंबा,...

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सर्वनाम

संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं। संज्ञा की पुनरुक्ति न करने के लिए सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। जैसे ...

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सार्थक शब्द व्याकरण

किसी निश्चित अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है। जिस प्रकार मोहन, घर, रात, आना, नीचे, ऊपर आदि सार्थक शब्द हैं। व...

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व्यंजन व्याकरण

व्यंजन व्याकरण

स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण 'व्यंजन' कहलाते हैं। परंपरागत रूप से व्यंजनों की संख्या 33 मानी जाती है। द्विगुण व्यंजन...

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स्वर व्याकरण

स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण 'स्वर' कहलाते हैं। व्याकरण में परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 11 मानी गई है। अ, आ, इ, ई,...

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हिन्दी वर्णमाला

हिन्दी वर्णमाला के समस्त वर्णों को व्याकरण में दो भागों में विभक्त किया गया है- स्वर और व्यंजन। वर्णमाला स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ...

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हिन्दी व्याकरण

जिस विद्या से किसी भाषा के बोलने तथा लिखने के नियमों की व्यवस्थित पद्धति का ज्ञान होता है, उसे 'व्याकरण' कहते हैं। व्याकरण वह विधा...

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देवनागरी लिपि

देवनागरी लिपि

देवनागरी लिपि एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी,कोंकणी, सिन्ध...

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