हिमाचल प्रदेश पर तथ्य
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आधिकारिक वेबसाइट
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www.himachal.gov.in
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स्थापना का दिन
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25 जनवरी 1971
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क्षेत्रफल
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55,673 वर्ग किमी
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घनत्व
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123 प्रति वर्ग किमी
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जनसंख्या (2011)
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6,864,602
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पुरुषों की जनसंख्या (2011)
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3,481,873
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महिलाओं की जनसंख्या (2011)
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3,382,729
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जिले
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12
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राजधानी
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शिमला
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नदियाँ
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रावी, ब्यास, चिनाब, सतलुज, यमुना
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वन एवं राष्ट्रीय उद्यान
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पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान, ग्रेटर हिमालय नेशनल पार्क, रेणुका वन्यजीव अभयारण्य, चैल वन्यजीव अभयारण्य, कालाटोप खजियार वन्यजीव अभयारण्य
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भाषाएँ
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हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, किन्नौरी, पहाड़ी, कांगड़ी और डोगरी
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पड़ोसी राज्य
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जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश
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राजकीय पशु
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हिम तेंदुए
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राजकीय पक्षी
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पश्चिमी ट्रागोपन
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राजकीय वृक्ष
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देवदार
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राजकीय फूल
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गुलाबी बुरांस
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नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011)
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65535
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साक्षरता दर (2011)
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68.74%
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1000 पुरुषों पर महिलायें
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974
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विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
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68
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संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
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4
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हिमाचल प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है और यह उत्तर में जम्मू कश्मीर से, पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण में उत्तर प्रदेश से और पूर्व में उत्तराखंड से घिरा है। हिमाचल शब्द का अर्थ ‘बर्फ का घर’ होता है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है और राज्य का कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किमी. है। यह राज्य प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है और विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य का ज्यादातर हिस्सा उंची पर्वत श्रृंखलाओं, गहरी घाटियों, सुंदर झरनों और हरियाली से भरा है। यहां का मौसम जगह के हिसाब से बदलता रहता है। कुछ जगहों पर भारी बरसात होती है और कुछ जगहों पर बिलकुल वर्षा नहीं होती। उंचाई पर स्थित होने के कारण इस राज्य में बर्फबारी आम बात है। राज्य में 12 जिले हैं जो प्रशासनिक सुविधा के लिए मंडलों, गांवों और कस्बों में बंटे हंै। हिमाचल प्रदेश, देश का दूसरा सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। सेब के भारी उत्पादन के कारण हिमाचल प्रदेश को ‘सेब का राज्य’ भी कहा जाता है।
हिमाचल प्रदेश का इतिहास बहुत समृद्ध है क्योंकि सभ्यता की शुरुआत से ही यहां विभिन्न कालों में कई वंश रहे हैं। सबसे पहले सिंधु घाटी सभ्यता के लोग यहां आकर रहे। दूसरी या तीसरी सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व वह लोग गंगा के मैदानों से यहां शांतिपूर्ण जीवन की खोज में आए थे। जल्द ही मंगोलियों ने क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और फिर आर्य आए। भारतीय महाकाव्य के अनुसार, हिमाचल प्रदेश कई छोटे जनपदों और गणराज्यों का समूह था जिसके हर राज्य की एक सांस्कृतिक इकाई थी। उसके बाद मुगल आए जिसके राजा महमूद गजनवी, सिकंदर आदि थे। इन लोगों ने इस क्षेत्र को जीता और यहां अपना वर्चस्व स्थापित किया।
जब उनके शासन का पतन होने लगा तब गोरखाओं ने इस भूमि पर कब्जा कर लिया। जल्दी ही एंग्लो-गोरखा युद्ध के दौरान उन्होंने यह राज्य अंग्रेजों के हाथों खो दिया। अंग्रेज इस राज्य की खूबसूरती के कायल हो गए। उन्होंने इस जगह पर सन्
1854 से 1914 तक राज किया। आजादी के बाद सन् 1948 में 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का गठन किया गया। जब पंजाब का भौगोलिक तौर पर पुनर्गठन हुआ तो कुछ भाग इसमें चला गया। सन्
1971 में हिमाचल प्रदेश भारतीय संघ का 18वां राज्य बनकर उभरा।
पश्चिमी हिमाचल की तलहटी में स्थित होने के कारण हिमाचल प्रदेश समुद्र तल से
6500 मीटर की उंचाई पर है। इसकी उंचाई पश्चिम से पूर्व और उत्तर से दक्षिण की ओर है। भौगोलिक तौर पर यह क्षेत्र तीन श्रेणियों में बंटा हैः बाहरी हिमालय यानि शिवालिक, भीतरी हिमालय यानि सेंट्रल ज़ोन और ग्रेटर हिमालय यानि अल्पाइन ज़ोन। हिमाचल प्रदेश अपनी फैली हुई घाटियों, बर्फ से ढंके पहाड़ों, खूबसूरत झीलों और नदियों और इठलाते झरनों के लिए प्रसिद्ध है। राज्य का लगभग 64 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से ढंका है जिसमें देवदार के जंगल, बान ओक वन, शंकुधारी जंगल, अल्पाइन चराइ, रुखे पतझड़ी जंगल और बुरुंश के जंगल शामिल हैं। यहां की जलवायु अत्यधिक ठंडी से सेमी ट्रापीकल है।
यहां की गर्मियां अप्रैल से जून तक रहती हैं, जिसमें मौसम काफी सुहावना रहता है और भारी बर्फबारी की वजह से सर्दियां अत्यधिक ठंडी रहती हैं। बरसात का मौसम यहां की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है। यह मौसम जुलाई से सितंबर तक रहता है। बरसात में नदियां और झरने फिर से भर जाते हैं और हरियाली साल भर देखी जा सकती है। यहां की मुख्य नदियां चंद्र भागा, ब्यास, चिनाब, सतलज और रावी हैं। यह नदियां साल भर बहती हैं और मुख्य तौर पर पर्वतों के ग्लेशियर से पलती हैं। हिमाचल प्रदेश के कुछ ग्लेशियर बारा शिरी, भागा, चंद्रा हैं।
राज्य 12 जिलांे, 75
तहसीलों, 52 उपमंडलों, 75 ब्लाॅक और
20,000 से ज्यादा गांवों और 57 कस्बों में बंटा है। आजादी के बाद गठन होने के कारण हिमाचल प्रदेश की विधानसभा का कोई पूर्व संविधान नहीं है। राज्य की एक सदनीय विधायिका में विधानसभा में 68 सीट और 14 हाउस कमेटियां हैं। यहां चार लोक सभा क्षेत्र हैं और तीन सीटंे राज्य सभा की हैं। राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी हैं। हिमाचल प्रदेश में बारी बारी से इन्हीं दलों की सरकार बनती है। भारत के अन्य राज्यों की तरह सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री हैं, जिनके पास विशेष कार्यकारी अधिकार हैं। सरकार के सभी प्रमुख संचालन को यह नियंत्रित करते हैं।
शिक्षा
हिमाचल प्रदेश गर्मियों में ब्रिटिश भारत की राजधानी था इसलिए इसकी स्कूली और उच्च शिक्षा का स्तर देश के बाकी हिस्सों के बराबर रहा। राज्य की साक्षरता दर देश के बाकी राज्यों के मुकाबले उंची है और खासतौर पर हमीरपुर जिले की साक्षरता दर सबसे अधिक है। राज्य में हजारों स्कूल हैं जो प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा देते हंै और ये या तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या फिर आईसीएसई से संबद्ध हैं। सरकार राज्य को देश का नया शिक्षा हब बनाने हेतु प्रयासरत है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने प्राथमिक शिक्षा को हर बच्चे तक पहुंचाना मुमकिन किया है।
यहां कई यूनिवर्सिटी, इंजीनीयरिंग काॅलेज और मेडिकल काॅलेज हैं जो इच्छुक उम्मीदवारों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम मुहैया कराते हैं। इसके अलावा कई सामान्य डिग्री काॅलेज भी हैं जहां से बुनियादी उच्च शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित काॅलेज भी हैं।
अर्थव्यवस्था
हिमाचल प्रदेश उन राज्यों में से एक है जिसने खुद को सबसे पिछड़े राज्य से सबसे उन्नत राज्य में तब्दील किया है। राज्य की 50 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। कृषि यहां के लोगों की आय का प्राथमिक स्रोत है। राज्य की महत्वपूर्ण फसलों में चावल, जौ, मक्का और गेंहू शामिल है। हिमालय की गोद में बसा होने के कारण हिमाचल की भूमि उपजाउ है और फलों की खेती के लिए अनुकूल है। सेब की खेती से राज्य को हर साल 300 करोड़ रुपये की आय होती है। यहां खेती किये जाने वाले अन्य फलों में अंजीर, जैतून, हाॅप, नट्स, मशरुम, केसर और शारदा खरबूज हैं। सहायक बागवानी के तौर पर यहां शहद और फूल भी पैदा होता है। स्थानीय निवासियों के लिए पर्यटन आय का अच्छा स्रोत है और राज्य की अर्थव्यवस्था में सहायक है। बिजली की प्रचुरता के कारण यहां कई लघु उद्योगों की स्थापना हुई है। यहां के प्रदूषण रहित वातावरण के कारण राज्य में कई इलेक्ट्राॅनिक परिसर भी स्थापित हुए हंै। इसकी वजह से राज्य का आर्थिक विकास तेजी से हुआ है।
जनसांख्यिकी
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या 68,64,602 है जो कि देश की आबादी का बहुत छोटा हिस्सा है। हिमाचल प्रदेश उन राज्यों में से है जिसमें हिंदुओं की जनसंख्या सबसे अधिक है। यहां करीब 90 प्रतिशत हिंदू हैं। इनमें भी मुख्य समुदाय राजपूत है जो कि बहुत पहले यहां आकर बस गए थे। ब्राम्हण और राठी भी राज्य की आबादी का मुख्य हिस्सा हैं। घीर्थ समुदाय या चैधरी समुदाय ज्यादातर कांगड़ा जिले में बसता है। यह लोग अक्सर जमीन के मालिक होते हैं जो अपनी भूमि गरीब किसानों को खेती के लिए किराये पर देते हैं और उनसे पैसे लेते हैं। अन्य समुदायों में कन्नेत, कोली, गड्डी, गुज्जर, लाहौली और पंगवाल हैं।
राज्य के ग्रामीण भाग में मजबूत जाति व्यवस्था है लेकिन आधुनिकता आने के साथ स्थितियां बदल रही हैं। हिमाचल प्रदेश में तिब्बतियों की भी अच्छी खासी आबादी है और हिंदू धर्म के बाद बौद्ध धर्म दूसरा प्रमुख धर्म है। तिब्बत के शरणार्थी होेने के कारण यह ज्यादातर सामूहिक रुप से लाहौल और किन्नौर में रहते हैं। राज्य की सीमा पंजाब से बंटी होने के कारण सिख समुदाय के लोग भी शहरों और कस्बों में रहते हैं। मुसलमानों की संख्या राज्य में कम है।
पर्यटन
अपनी खूबसूरती और विविधता के कारण निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश यात्रा करने का सबसे अच्छा स्थान है। बर्फ से ढंके पहाड़ों, हरे भरे जंगलों, लाल सेब के बागों और ताजा शुद्ध हवा के कारण राज्य में वह सब कुछ है जिसकी वजह से दुनिया भर के लोग इसकी ओर खिंचे चले आते हैं। शिमला, मनाली, चंबा आदि ऐसी जगहें हैं जहां सालभर दंपत्ति हनीमून मनाने आते हैं। इसके अलावा लोग यहां पहाड़ों के रोमांच, रिवर राफ्टिंग, आईस स्केटिंग, पैरा ग्लाईडिंग और स्किइंग के मजे करने या फिर शांतिपूर्ण छुट्टी बिताने आते हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां मंदिर, चर्च, मठ, नदियां, हिल स्टेशन, वास्तुकला के नमूने और बाजार हैं।
धर्मशाला यहां का सबसे ठंडा हिल स्टेशन है। धर्मशाला में बर्फीली घाटियां, वनस्पति, जीव और ताजगी हैं जो प्रकृति की देन हैं। शिमला में पर्यटक जाखू पहाड़ी, रिज, लक्कर बाजार, सेंट माइकल कैथेड्रल, राज्य संग्रहालय का मजा ले सकते हैं या फिर माॅल रोड पर तफरीह कर सकते हैं। मशोरबा, कुफरी, फागु कुछ ऐसे उपनगर हैं जो राज्य की प्राकृतिक खूबसूरती का मनमोहक नजारा देते हैं। कुल्लू, चैल, कसौली, मणीकर्ण, डलहौजी आदि हिमाचल प्रदेश की जरुर घूमने लायक जगहें हैं। नागर, पहाड़पुर और रुक्खाला शहरी पर्यटकों को ग्रामीण जीवन की विरासत से रुबरु कराते हैं।
हिमाचल प्रदेश में देखने योग्य शहर
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चंबा
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कांगड़ा
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रोहतांग पास
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शिमला
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कुल्लू
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मनाली
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डलहौजी
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सोलन
समाज और संस्कृति
हिमाचल प्रदेश एक बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक राज्य है। क्योंकि प्राचीन समय से ही यहां कई नस्ले आकर बसती गईं थीं इसलिए इस राज्य की सांस्कृतिक विरासत बहुत विविध, रंगीन और समृद्ध है। इसका प्रदर्शन यहां के रंगीन कपड़ों, मीठे संगीत, त्यौहार के उत्सव, लयबद्ध नृत्य और सरल लेकिन समृद्ध जीवनशैली में होता है। कला और हस्तशिल्प यहां की संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। राज्य की विशेषता पश्मिना शाॅल तैयार करना है जो कि नियमित तौर पर विदेशों में निर्यात की जाती है। इसके अलावा लकड़ी के बर्तन, धातु के आभूषण, बर्तन भी स्थानीय लोगों के द्वारा बनाए जाते हैं। संगीत और नृत्य हिमाचलियों के जीवन का खास हिस्सा है। देवी-देवताओं के आव्हान के लिए अक्सर लोक गीत गाए जाते हैं। यहां के लोगों के बीच भारतीय रागों पर आधारित विशेष गाने जिन्हें संस्कार गीत कहा जाता है, लोकप्रिय हैं। राज्य की विशेष नृत्य शैलियां शोना, घी, बुराह, लोसर, नाटी आदि हैं। यहां त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। हर साल धर्मशाला में अंतर्राष्ट्रीय हिमालय फेस्टिवल मनाया जाता है। यहां के स्थानीय त्यौहारों में लाहौलियों के चीशु और लाहौल और कांगड़ा जिले का त्यौहार हरियाली है जो कि बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए राष्ट्रीय त्यौहार जैसे दीपावली, लोहड़ी, बैसाखी और क्रिसमस भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भाषा
उत्तर भारत का राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश में सभी के द्वारा हिंदी भाषा बोली और समझी जाती है।
इसके अलावा दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा पहाड़ी है जो कि संस्कृत और प्राकृत से बनी है। इस भाषा के तीन रुप हैं - उत्तरी पहाड़ी, पश्चिमी पहाड़ी और पूर्वी पहाड़ी। इस में से दूसरा रुप हिमाचल प्रदेश के लोगों ने अपनाया है और इसे विभिन्न बोलियों में बोलते हैं। हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली पहाडि़यों के कुछ रुप चुराही, हिमाचली, मंडेली, कुलुही आदि हैं। पंजाब से राज्य की करीबी के कारण पंजाबी भी राज्य की लोकप्रिय भाषा है। स्कूलों में पढ़ाने के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा क्षेत्रीय लोगों द्वारा कांगड़ी, डोगरी, किन्नौरी भी बोली जाती है। यहां आकर बसे तिब्बती लोग तिब्बती भाषा में ही बात करना पसंद करते हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों से आए लोग जैसे मारवाड़ी, गुजराती, बिहारी, बंगाली आदि अपने समुदाय में खुद की भाषा में ही बात करते हैं।
परिवहन
हिमाचल प्रदेश का ज्यादातर इलाका पहाड़ी है इसलिए यहां परिवहन सुविधाओं का विकास करना बहुत मुश्किल है। हालांकि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस दिशा में बहुत कार्य किया और आज की स्थिति में देश के बाकी हिल स्टेशनों के मुकाबले यहां की सड़कों का घनत्व बहुत है। आठ राष्ट्रीय राजमार्ग इस राज्य को देश के बाकी हिस्से से जोड़ते हैं। राज्य के अंदर पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी पर्यटन स्थल सड़क मार्ग से जुड़े हैं। शहरों के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए लोग निजी वाहन और बसों का प्रयोग करते हैं। दो रेलवे मार्ग इस राज्य को सारे देश से जोड़ते हैं, कालका-शिमला रेलवे और पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलवे। अच्छी कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने दो और ट्रेक का प्रस्ताव दिया है। राज्य के तीन हवाई अड्डों- शिमला हवाई अड्डा, गग्गल हवाई अड्डा और भुंटर हवाई अड्डे के जरिए हिमाचल प्रदेश पहुंचा जा सकता है। हालांकि खराब मौसम के चलते ज्यादातर उड़ाने या तो रद्द रहती हैं या देरी से उड़ती हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है।
हिमाचल प्रदेश के जिले
क्र.सं.
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जिला का नाम
|
जिला मुख्यालय
|
जनसंख्या (2011)
|
विकास दर
|
लिंग अनुपात
|
साक्षरता
|
क्षेत्र (वर्ग किमी)
|
घनत्व (/ वर्ग किमी)
|
1
|
बिलासपुर
|
381956
|
12.05%
|
981
|
84.59
|
1167
|
327
|
|
2
|
चंबा
|
519080
|
12.63%
|
986
|
72.17
|
6528
|
80
|
|
3
|
हमीरपुर
|
454768
|
10.19%
|
1095
|
88.15
|
1118
|
406
|
|
4
|
धर्मशाला
|
1510075
|
12.77%
|
1012
|
85.67
|
5739
|
263
|
|
5
|
रेकोंग पो
|
84121
|
7.39%
|
819
|
80
|
6401
|
13
|
|
6
|
कुल्लू
|
437903
|
14.76%
|
942
|
79.4
|
5503
|
79
|
|
7
|
केलांग
|
31564
|
-5.00%
|
903
|
76.81
|
13835
|
2
|
|
8
|
मंडी
|
999777
|
10.92%
|
1007
|
81.53
|
3950
|
253
|
|
9
|
शिमला
|
814010
|
12.67%
|
915
|
83.64
|
5131
|
159
|
|
10
|
नाहन
|
529855
|
15.54%
|
918
|
78.8
|
2825
|
188
|
|
11
|
सोलन
|
580320
|
15.93%
|
880
|
83.68
|
1936
|
298
|
|
12
|
ऊना
|
521173
|
16.26%
|
976
|
86.53
|
1540
|
328
|